पुखराज रत्न किस राशि के जातको को देता है विशेष लाभ वैदिक ज्योतिष के अनुसार पुखराज, ब्रहस्पति गृह का प्रतिनिधित्व करता है। पुखराज (Pukhraj) पीले रंग का एक बेहद खूबसूरत रत्न है।
इसे बृहस्पति ग्रह का रत्न माना जाता है। पुखराज की गुणवत्ता आकार, रंग तथा शुद्धता के आधार पर तय की जाती है। जातकों को अपनी राशि के अनुसार पुखराज को धारण करना चाहिए। जितना यह मूल्यवान है उतनी ही इस रत्न के लाभ हैं। इस रत्न को धारण करने से आर्थिक परेशानियंा खत्म हो जाती हैं। धारण कर्ता को अलग-अलग रास्तों से आर्थिक लाभ मिलना शुरू हो जाता है। इसलिए आर्थिक समस्याओं से निजाद प्राप्त करने और जीवन में तरक्की प्राप्त करने के लिए जातक को अवश्य कुंडली का निरक्षण करवाकर पुखराज (Yellow Sapphire) धारण करना चाहिए। पुखराज धारण करने से अच्छा स्वास्थ्य, आर्थिक लाभ, लम्बी उम्र और मान प्रतिष्ठा प्राप्त होती है। जिन कन्याओं के विवाह में देरी हो रही हो उन्हें पुखराज अवश्य धारण करना चाहिए। पुखराज धारण करने से कन्याओं का विवाह अच्छे घर में होता है। जिन दंपत्तियों को पुत्र की लालसा हो उन्हें भी पुखराज धारण करना चाहिए। ब्रहस्पति पति और पुत्र दोनों कारक होता है, किसी भी रत्न को धारण करने से पहले किसी अनुभवी ज्योतिषि की सलाह अवश्य लें।
अगर कुंडली में बृहस्पति (गुरु ) का बलाबल कम हो तो पुखराज धारण किया जा सकता है, परन्तु ये मुख्यत आवशयक होता है के आपकी कुंडली में यह ग्रह शुभ हो या किसी पाप स्थान में न हो । पिले या सफ़ेद पुखराज को को सोने में तर्जनी उंगली (Index Finger) में धारण किया जाता है। पुखराज धारण करने से पूर्व अपनी कुंडली किसी योग्य ज्योतिषी को अवश्य दिखा लें ।
पुखराज रत्न के फायदे और गुण – Pukhraj Ratna Ke Fayde – Yellow Sapphire Benefits
पुखराज धारण करने की विधि – How To Wear Yellow Sapphire
ब्रहस्पति देव के रत्न, पुखराज को स्वर्ण या चांदी की अंगूठी में जड़वाकर किसी भी शुक्ल पक्ष के बृहस्पति वार को सूर्य उदय होने के बाद इसकी प्राण प्रतिष्ठा करवाकर धारण करें। इसके लिए सबसे पहले अंगूठी को दूध, गंगा जल, शहद और शक्कर के घोल में डाल दें। फिर पांच अगरबत्ती ब्रहस्पति देव के नाम जलाए और प्रार्थना करें कि हे ब्रहस्पति देव अपना आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए प्रतिनिधि रत्न पुखराज धारण कर रहा हूं। कृपया अपना आशीर्वाद प्रदान करे। अंगूठी को निकालकर 108 बारी अगरबत्ती के ऊपर से घुमाते हुए ॐ ब्रह्म ब्रह्स्पतिये नम: का जाप करें, उसके बाद अंगूठी विष्णु जी के चरणों से स्पर्श कराकर तर्जनी अंगूठी में धारण करें। ब्रहस्पति के अच्छे प्रभावों को प्राप्त करने के लिए उच्च कोटी का पुखराज ही धारण करें, पुखराज धारण करने के 30 दिनों में प्रभाव देना शुरू कर देता है और लगभग चार वर्ष तक पूर्ण प्रभाव देता है और फिर निष्क्रिय हो जाता है। निष्क्रिय होने के बाद आप नया पुखराज धारण कर सकते है। अच्छे प्रभाव के लिए पुखराज का रंग हल्का पीला और दाग रहित होना चाहिए। पुखराज में कोई दोष नहीं होना चाहिए अन्यथा शुभ प्रभाओं में कमी आ सकती है ।
पुखराज रत्न के फायदे – Yellow Sapphire Stone Benefits
सही समय पर उचित रत्न को पहनने से इंसान का भाग्य उदय हो जाता है। रत्नों में इंसान का जीवन बदलने की क्षमता होती है। नौ रत्नों में से सबसे प्रभावशाली और कई समस्याओं का निदान करने वाला एक रत्न है पुखराज। अक्सर ज्योत्षि भी पुखराज पहनने की सलाह देते हैं।
ग्रह
पुखराज (Pukhraj – Yellow Sapphire) रत्न बृहस्पति ग्रह से संबंधित होता है और गुरु को जीवन देने वाला ग्रह माना जाता है। पुखराज पहनने के कई फायदे हैं। जैसे कि पुखराज को पहनने से इंसान के जीवन में उन्नति, सौभाग्य, भाग्य उदय और जीवन में सुख प्राप्त होता है। पुखराज पहनने से पुत्र रत्न प्राप्ति, विवाह में देरी की समस्या का दूर होना और आध्यात्मिक शक्ति का विकास होता है।
पुखराज के स्वास्थ्य संबंधी लाभ – Health Benefits of Yellow Sapphire
– ज्योतिषी मानते हैं कि जिन जातकों को सीने की दर्द, श्वास, गला आदि रोगों से परेशानी है तो उन्हें पुखराज धारण करना चाहिए। अल्सर, गठिया, दस्त, नपुंसकता, टीबी, हृदय, घुटना तथा जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए भी पुखराज का उपयोग किया जाता है।
पुखराज भिन्न-भिन्न रंगों में होता है – Different Colours of Yellow Sapphire
पुखराज पांच प्रकार के रंगों में होता है। हल्के पीले रंग में, हल्दी जैसे रंग में, केशरिया रंग में, सोने के रंग में और नींबू के छिलके के रंग आदि में होता है।
असली और नकली पुखराज को कैसे पहचानें – How To Identify Genuine Yellow Sapphire
दूध में पुखराज को 24 धंटे के लिए रख दें। इस दौरान पुखराज में फीकापन व सिकुडन न आए तो यह असली पुखराज है।
पुखराज (Pukhraj) का पारदर्शी होना
जब भी पुखराज खरीदें तो इस बात का ध्यान रखें कि इसकी पारदर्शिता कैसी हैं। पारदर्शिता यानि रत्न का आर-पार बिल्कुल साफ दिखना चाहिए। वह कहीं से खंडित व टूटा हुआ भी नहीं होना चाहिए।
पुखराज पहनने से पहले
यह रत्न बेहद प्रभावशाली होता है। इसलिए इस रत्न को किसी पंडित के द्वारा मंत्र जाप कराकर ही पहनें। तभी फायदा मिलता है।
पुखराज के तथ्य
पुखराज के बारे में बताया जाता है कि जिन जातकों की कुंडली में बृहस्पति कमज़ोर हो उन्हें पीला पुखराज धारण करना चाहिए।
पुखराज के लिए राशि
धनु तथा मीन राशियों के जातकों के लिए पुखराज धारण करना अत्यंत लाभकारी माना गया है।
पुखराज धारण करने से मान सम्मान तथा धन संपत्ति में वृद्धि होती है।
यह रत्न शिक्षा के क्षेत्र में भी सफलता प्रदान करवाता है।
इस रत्न से जातकों के मन में धार्मिकता तथा सामाजिक कार्य में रुचि होने लगती है।
पुखराज का उपरत्न – Substitute of Yellow Sapphire
पुखराज के स्थान पर रत्न ज्योतिषी धिया, सुनैला, सुनैहला या पीला हकीक पहनने की भी सलाह देते हैं।