जन्म कुंडली में कुछ ग्रह अशुभ स्थिति में भी होते हैं। इनका सीधा असर व्यक्ति के स्वास्थ्य पर भी पड़ता है ग्रहों की अशुभ स्थिति को देखते हुए यदि शिवजी का रुद्राभिषेक अलग-अलग बस्तुओं से किया जाए तो इससे ग्रहों के दोष तो दूर होंगे ही साथ ही स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा……. (Shiv Rudra Abhishek Upay Phal )
१:- सूर्य ग्रह:- जन्म कुंडली में सूर्य अशुभ स्थिति में होने पर हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट प्रॉब्लम, आंखों की समस्या व कमजोरी देता है।
उपाय- प्रातिदिन जल से शिवलिंग का अभिषेक करें।
२:- चंद्र ग्रह:- जन्म कुंडली में चंद्र नीच का होने से सर्दी, अस्थमा व आंखों से संबंधित समस्याएं होती हैं।
उपाय- कच्चे दूध में काले तिल मिलाकर शिवजी का अभिषेक करें।
३:- मंगल ग्रह:- जन्म कुंडली में मंगल अशुभ स्थिति में होने से खून व पेट से संबंधित बीमारियां होती हैं।
उपाय- गिलोय (औषधि) की बूटी के रस से शिवजी का अभिषेक करें.! (Shiv Rudra Abhishek Upay Phal )
४:- बुध ग्रह:- जन्म कुंडली में बुध नीच का होने से पेट व फेफड़ों से संबंधित बीमारियां होने की आशंका रहती है।
उपाय–दूध में पीले फूल मिला कर शिवजी का अभिषेक करें।
५:-गुरु ग्रह:- जन्म कुंडली में गुरु अशुभ स्थिति में होने पर स्कीन, दांत व कफ से संबंधित बीमारियां होती हैं।
उपाय-:- विधारा की बूटी के रस से शिवजी का अभिषेक करें।
६:- शुक्र ग्रह:- जन्म कुंडली में शुक्र कमजोर होने पर यौन संक्रमण, कमजोरी व शीत से संबंधित बीमारियां होती हैं।
उपाय- पंचामृत से शिवजी का अभिषेक करें। (Shiv Rudra Abhishek Upay Phal )
७:- शनि देव:- जन्म कुंडली में शनि नीच का होने से अस्थमा, खांसी व घुटनों से जुड़ी समस्याएं होती हैं।
उपाय- गन्ने के रस से शिवजी का अभिषेक करें।
८:- राहु ग्रह:- जन्म कुंडली में राहु कमजोर होने से डिप्रेशन, बुखार व दुर्घटना होने की संभावनाएं रहती हैं।
उपाय- भांग या नागकेसर से शिवजी का अभिषेक करें। (Shiv Rudra Abhishek Upay Phal )
९:- केतु ग्रह:- जन्म कुंडली में केतु अशुभ स्थिति में होने से शुगर, कान व गुप्तांग से संबंधित रोग होते हैं।
उपाय- सरसों के तेल से शिवजी का अभिषेक करें। (Shiv Rudra Abhishek Upay Phal )