ज्योतिष में शनिदेव को न्यायाधीश माना गया है। जिन लोगों की कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में होता है, उन्हें भाग्य का साथ नहीं मिल पाता है। किसी भी काम में सफल होने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है, धन संबंधी कामों में बाधाएं आती हैं, जिनकी वजह से गरीबी का सामना करना पड़ता है। यहां जानिए कोलकाता की एस्ट्रोलॉजर डॉ. दीक्षा राठी के अनुसार शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए कौन-कौन से उपाय किए जा सकते हैं…
शनिवार का कारक है शनि
सप्ताह के सातों दिनों के लिए अलग-अलग कारक ग्रह बताए गए हैं। शनिवार का स्वामी ग्रह है शनि। इस दिन शनि के विशेष उपाय करने से कुंडली के बहुत से दोष दूर हो सकते हैं।
पहला उपाय
शनिवार को उन्नीस हाथ लंबा काला धागा लेकर उसकी माला बनाएं। इसके बाद ये माला शनिदेव को चढ़ाएं और कुछ देर बाद इस काले धागे की इस माला को गले में धारण करें। अगर आप चाहें तो इस दाहिने हाथ में भी बांध सकते हैं। इस प्रयोग से भी शनि का प्रकोप कम हो सकता है।
दूसरा उपाय
हर शनिवार व्रत रखें। सूर्यास्त के समय हनुमानजी की पूजा करें। पूजा में सिंदूर, काली तिल्ली का तेल, तेल का दीपक और नीले फूल चढ़ाएं। हनुमानजी के भक्तों पर शनि के अशुभ योगों का असर नहीं होता है।
तीसरा उपाय
शनिवार को बंदरों को और काले कुत्तों को लड्डू खिलाएं। इस उपाय से हनुमानजी के साथ ही शनिदेव भी प्रसन्न होते हैं।
चौथा उपाय
शनिवार को किसी काली गाय की पूजा करें। गाय को कुमकुम, चावल चढ़ाएं। बूंदी के लड्डू खिलाएं और गाय की परिक्रमा करें। गाय की पूजा करते समय सावधानी अवश्य रखें। इस उपाय से शनि के दोष दूर हो सकते हैं।
पांचवां काम
शनिवार को एक कटोरी में तेल लें और उसमें अपना चेहरा देखें। इसके बाद तेल का दान किसी गरीब व्यक्ति को कर दें।