जिस स्त्री जातक की कुंडली में चंद्रमा अच्छी स्थिति में होता है, वे हंसमुख और रचनात्मक होती हैं। हर काम में सक्रिय रहती हैं और उनमें नया काम करने की ललक होती है। राहू, केतू, बुध और शनि के कारण चंद्रमा पीडित हो तो स्त्री कर्कशा, रूदन करने वाली या कलहप्रिय होती है। ऎसी स्त्रयों को रोजाना सुबह खाली पेट मिश्री के साथ मक्खन खाने की सलाह दी जाती है।
चंद्रमा पीडित होने पर शरीर में खनिज तत्वों और कैल्शियम की कमी हो जाती है। मक्खन में उपलब्ध खनिज तत्व एवं कैल्शियम जातक के केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र को फिर से दुरूस्त करता है और जातक हंसने खिलखिलाने लगता है। चन्द्र को मजबूत करने वाले रंग और सुगन्ध चन्द्रमा के लिए सबसे अच्छा रंग सफेद व स्लेटी होता है। चमकीला नीला, हरा वा गुलाबी रंग भी सहायक होता है। आसमानी व फिरोजी रंग भी चन्द्रमा के लिए अच्छे होते है। गहरा लाल व काले रंग से परहेज करना चाहिए। चन्दन, चमेली, कमल व लिली के फूलों की सुगंध का प्रयोग करने से चन्द्रमा मजबूत होता है। चन्द्र को बलवान करने वाले मन्त्र चन्द्रमा की उपासना के लिए निम्न मन्त्र है- ऊॅ ऐं क्लीं सोमाय नामाय नमः। ऊॅ श्रॉं श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः।
ऊॅ सों सोमाय नमः उपरोक्त वर्णित किसी भी मन्त्र का विधिवत पूजन व अर्चन करके जाप करने से लाभ मिलेगा। नोट- चन्द्र उपासना में चन्द्र ग्रह सम्बन्धी स्त्रोत कवच, नामावली का जाप व पाठ अवश्य करना चाहिए। चन्द्रमा की उपासना सोमवती अमावस्या, प्रदोष या श्रवण मास के सोमवार में विशेष फलदायी होती है। किस देवता की आराधना करें चन्द्रमा के देवता वरूण देव है, इसलिए सर्वप्रथम वरूण देव की आराधना व स्तुति करनी चाहिए। चन्द्रमा एक स्त्री कारक ग्रह भी है। इसलिए देवी की आराधना करने से भी लाभ होगा। वह महान देवी, महान शक्ति के रूप में शिव पत्नी है। शिव के मस्तक में चन्द्रमा विराजमान है। अतः शिव की उपासना करने से भी चन्द्रमा की उर्जा में वृद्धि होगी। चन्द्र को बलवान करने वाले योग व प्रणायाम भक्ति आचरण (भक्ति योग) से चन्द्र उर्जा की वृद्धि होती है। हमें विशेष रूप से देवी का ध्यान करना चाहिए। भ्रामरी प्रणायाम करने से चन्द्र उर्जा की वृद्धि होती है।
हमें अधिक विश्वास, ग्रहणशीलता, खुलापन विकसति करने के लिए देवी का ध्यान करिये। नियमित वज्रासन और नौकायन आसन करने से चन्द्रमा बलवान होता है। ‘‘ऊॅ” का कम से कम 108 बार उच्चारण करने से चन्द्रमा की उर्जा में वृद्धि होती है। चन्द्रमा सूर्य से प्रकाशित होता है, इसलिए सूर्य नमस्कार करने से भी कमजोर चन्द्रमा धीरे-धीरे बलवाना होने लगता है। दोनों भौहों के मध्य में आज्ञा चक्र होता है, इस बिन्दु पर निरन्तर ध्यान करने से मन नियन्त्रित होता है। मन नियन्त्रित होने से चन्द्रमा अच्छा होने लगता है। लाइफस्टाइल ठीक करने से भी चन्द्र की उर्जा में वृद्धि चन्द्र की शक्ति में वृद्धि के लिए विश्वास, शान्ति, भक्ति, देखभाल, पोषण के वातावरण को बनाने की जरूरत होती है। बुजुर्गो की सेवा व देखभाल करन से लाभ मिलता है। जिस व्यक्ति का चन्द्रमा खराब है, उसे मित्रों से, माता से व परिवार से मधुर सम्बन्ध बनायें रखने की आवश्यकता होती है। छोटे बच्चों के पालन-पोषण में मद्द करनी चाहिए।
महिलाओं के प्रति सम्मान, संवेदशीनता व अच्छा अचारण रखने से चन्द्रमा की अनुकूलता में वृद्धि होती है। खासकर वृद्ध महिलाओं की सेवा व सहयोग करने से विशेष लाभ मिलता है। घास पर जो ओस की बॅूद होती है, वह चन्द्रमा का प्रतीक होती है। प्रातःकाल नंगे पैर से घास पर टहलने से मन व तन दोनों को शान्ति मिलती है। ऐसा करने से चन्द्रमा की अनुकूल उर्जा में विशेष वृद्धि होती है। खान-पान अच्छा रखने से चन्द्रमा मजबूत होता है हम जो भी भोजन के रूप में ग्रहण करते है, उसका सीधा असर हमारें शरीर पर पड़ता है। जब शरीर स्वस्थ्य रहेगा तो मन भी स्वस्थ्य रहेगा। चॅूकि मन का कारक चन्द्रमा है, इसलिए खान-पान का असर भी चन्द्रमा पर पड़ता है। चन्द्रमा शीतल ग्रह है, इस कारण हमें ऐसे भोज्य पदार्थो का सेंवन करना चाहिए जो शाीतल और सुपाच्य हो।
विटामिन बी, सी और लौह तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थो को सेंवन करने से लाभ मिलता है। जैसे-गाय दूध, दही, चावल, खीर, मिश्री, नींबू, सन्तरा, अरबी, गोभी, लौकी, पनीर, मठठा, लस्सी, जौ की रोटी, मक्के की रोटी, शलजम, मूली, अनानास, मौसम्मी, अश्वगंधा आदि चीजों को सेंवन करने से कमजोर चन्द्रमा धीरे-धीरे बलवान होकर शुभ फल देने लगता है। हर हर महादेव। जय महाकाल