कुंडली के सोए घर को जगाने के उपाय जन्म कुंडली में बारह खाने यानी बारह घर होते हैं और ग्रह नौ। ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति की कुंडली में कोई न कोई घर ऐसा होता ही है, जिसमें कोई ग्रह नहीं होता लाल किताब में ऐसे घर को सोया हुआ घर या सुप्त घर कहा जाता है तथा जिस घर पर किसी ग्रह की दृष्टि नहीं पड़ती उसे भी सुप्त घर माना जाता है
जिस घर में कोई ग्रह नहीं होता, उससे संबंधित परिणाम भी व्यक्ति को नहीं मिलते या बहुत कम मात्रा में मिलते हैं। उदाहरण के लिए यदि धन स्थान यानी द्वितीय घर में कोई ग्रह नहीं है तो लाल किताब के अनुसार यह घर सोया हुआ है। ऐसे में जातक के जीवन में धन की कमी हमेशा बनी रहेगी। ऐसी स्थिति में सुप्त घर को जागृत करना आवश्यक होता है
जिन लोगों की कुंडली में प्रथम भाव सोया हुआ हो, उन्हें इस घर को जगाने के लिए मंगल का उपाय करना चाहिए। इसके लिए मंगलवार का व्रत करें। मंगलवार के दिन हनुमानजी को बेसन के लड्डू का भोग लगाएं और वह प्रसाद बांटें
यदि कुंडली का दूसरा घर सोया हुआ हो तो चंद्रमा से संबंधित उपाय करना चाहिए। इसके लिए चांदी की अंगूठी, पेंडेंट या अन्य कोई आभूषण पहनना चाहिए। माता की सेवा करने और उनके सुखों का ध्यान रखने से यह घर जागृत हो जाता है
तीसरे घर को जगाने के लिए बुध का उपाय किया जाता है। बुध के लिए दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए। बुधवार के दिन गाय को हरा चारा खिलाएं।
लाल किताब के अनुसार कुंडली के चौथे घर में यदि कोई ग्रह नहीं है तो चंद्र से संबंधित उपाय करें। सोमवार को साबूदाने की खीर का प्रसाद वितरण करें।
पांचवें घर को जगाने के लिए सूर्य का उपाय करना फायदेमंद होता है। इसके लिए नियमित आदित्यहृदय स्तोत्र का पाठ एवं रविवार के दिन लाल भूरी चीटियों को आटा, गुड़ देने से सूर्य की कृपा प्राप्त होती है।
छठे घर को जगाने के लिए राहु का उपाय करना चाहिए। जन्मदिन से आठवां महीना शुरू होने पर पांच महीनों तक बादाम मंदिर में चढ़ाएं, जितना बादाम मंदिर में चढ़ाएं उतना वापस घर में लाकर रख दें।
कुंडली के सातवें घर को जगाने के लिए शुक्र को जगाना होता है। शुक्र को जगाने के लिए आचरण की शुद्धि सबसे आवश्यक है। स्त्रियों का अपमान न करें। किसी से दुर्व्यवहार न करें।
आठवें घर को जागृत करने के लिए चंद्रमा से जुड़े उपाय किए जाते हैं। इसके लिए चांदी का कोई आभूषण पहन रखें या अपने जेब में चांदी की ठोस गोली रखें
नवम भाव सोया हो तो गुरुवार के दिन पीले वस्त्र धारण करना चाहिए। ऐसा व्यक्ति सोना पहनकर रखे या मस्तक पर केशर का तिलक करे। इन उपाय से गुरु प्रबल होता है और नवम भाव जागता है।
दशम भाव को जागृत करने के लिए शनिदेव का उपाय करना चाहिए। शनिवार के दिन हनुमान जी के दर्शन करें। शनि से संबंधित दान करें।
एकादश भाव को जगाने के लिए के लिए गुरु को प्रसन्न् करना आवश्यक है। गुरुवार के व्रत करें। गाय को केला खिलाएं। गुरुवार को चंदन का तिलक लगाएं।
यदि किसी जातक की कुंडली का बारहवां भाव सोया हुआ है तो घर में कुत्ता पालना चाहिए। पत्नी के भाई की सहायता करनी चाहिए।