ज्योतिष में ग्रहों के दोष दूर करने के कई उपाय बताए गए हैं। इन उपायों में से एक है रत्न धारण करना। कुंडली में जो ग्रह अशुभ स्थिति में होता है, उससे संबंधित रत्न धारण करने से सकारात्मक फल मिलने की संभावनाएं काफी बढ़ जाती हैं। साथ ही, बुरे समय से छुटकारा मिल सकता है और कार्यों में सफलता मिल सकती है। रत्न धारण करने से पहले किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी से अपनी कुंडली का परिक्षण अवश्य करवा लेना चाहिए। अगर गलत रत्न धारण कर लेंगे तो जीवन में परेशानियां और अधिक बढ़ सकती हैं। रत्न की शुद्धता और उसके वजन का परिक्षण भी करना जरूरी है। यहां जानिए केतु ग्रह से संबंधित रत्न लहसुनिया यानी कैट्स आई से जुड़ी खास बातें…
1. लहसुनिया धारण करने से व्यक्ति केतु ग्रह से संबंधित बुरे प्रभावों से बच सकता है।
2. अगर किसी कुंडली में केतु शुभ फलदायी होने के बावजूद कमजोर है तो इस रत्न को धारण करने से केतु को मजबूती मिल सकती है।
3. जब किसी व्यक्ति की कुंडली में केतु की महादशा चल रही हो तो उसके लिए ये रत्न धारण शुभ रहता है।
4. आमतौर पर वृषभ, मकर, तुला, कुंभ, मिथुन राशि के लोगों के लिए केतु का रत्न लहसुनिया धारण करना शुभ रहता है।
5. जो लोग लहसुनिया पहनते हैं, उन्हें किसी की बुरी नजर नहीं लगती है।
6.इसे धारण करने से बुरे स्वप्न नहीं सताते और नींद में डर नहीं लगता है।
7. अगर पैसों से जुड़ी परेशानियों का सामना कर रहे हैं तो किसी ज्योतिषी से पूछकर लहसुनिया धारण किया जा सकता है। ये रत्न पहनने से गरीबी से मुक्ति मिल सकती है।
8. लहसुनिया पहनने के लिए चांदी की अंगूठी का उपयोग किया जा सकता है। इसे सीधे हाथ की मध्यमा उंगली में धारण करना चाहिए।
9. लहसुनिया की अंगूठी धारण करने का सबसे अच्छा दिन है सोमवार। इसे सोमवार को किसी शुभ मुहुर्त में धारण करना चाहिए।
10. ध्यान रखें ये रत्न धारण करने के बाद अधार्मिक कार्यों से बचें। वरना केतु से शुभ फल प्राप्त नहीं हो पाएंगे।