रोग का निवारण :
1. बृहस्पति : केसर का तिलक रोजाना लगाएँ या कुछ मात्रा में केसर खाएँ।
2. सूर्य : बहते पानी में गुड़ बहाएँ।
3. चंद्र : किसी मंदिर में कुछ दिन कच्चा दूध और चावल रखें या खीर-बर्फी का दान करें।
4. शुक्र : गाय की सेवा करें और घर तथा शरीर को साफ-सुथरा रखें।
5. मंगल : बरगद के वृक्ष की जड़ में मीठा कच्चा दूध 43 दिन लगातार डालें। उस दूध से भिगी मिट्टी का तिलक लगाएँ।
6. बुध : 96 घंटे के लिए नाक छिदवाकर उसमें चाँदी का तार या सफेद धागा डाल कर रखें। ताँबे के पैसे में सूराख करके बहते पानी में बहाएँ।
7. शनि : बहते पानी में रोजाना नारियल बहाएँ।
8. राहु : जौ, सरसों या मूली का दान करें।
9. केतु : मिट्टी के बने तंदूर में मीठी रोटी बनाकर 43 दिन कुत्तों को खिलाएँ।