हमारी वैदिक/भारतीय संस्कृति में विवाह/शादी दो आत्माओं का मिलन है। इस पवित्र बंधन में स्त्री और पुरुष अपने अपने धर्म, समाज को साक्षी मानकर जीवन भर साथ निभाने के लिए बंधते है। इसमें किसी भी प्रकार अवरोध ना केवल उन दोनों के लिए ही वरना उनके पूरे परिवार के लिए भी दुखद साबित होता है ।
इस संसार में हर व्यक्ति चाहता है की उसका दाम्पत्य जीवन बहुत ही सफल हो , पति पत्नी के मध्य बहुत ही मधुर सम्बन्ध बने रहे और हर मनुष्य के घर में उस परिवार के सभी सदस्यों के बीच प्रेम और आपसी सौहार्द चिरकाल तक विद्यमान रहे , लेकिन आज की भागदौड़ , कड़ी प्रतिस्पर्धा भरी जिन्दगी में संबंधो के बीच दूरियां बडती जा रही है । परिवार बिखर रहे है और जो साथ भी है उनमे कहीं न कहीं अहम् का भाव हावी होता जा रहा है।
घर में माता – पिता / बड़े बुजुर्गो को उचित मान सम्मान नहीं मिल पा रहा है ….
पण्डित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि यह सत्य है की यदि पारिवारिक वातावरण अच्छा नहीं है, परिवार के सदस्यों में मतभेद है , कलह है तो व्यक्ति हमेशा मानसिक रूप से आशान्त ही रहेगा , पारिवारिक सुख के अभाव में उसका हर सुख अधुरा ही रहेगा ।
ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री यहाँ पर कुछ ऐसे महत्वपूर्ण नियम / उपाय बता रहे है, जिनका पालन करके हमारे परिवार हमारे दाम्पंत्य जीवन में अवश्य ही खुशियाँ भरी रहेंगी ।
इन सभी उपाय/टोटकों की पूर्ण फल प्राप्ति हेतु आस्था और मन में श्रद्धा बहुत आवश्यक हैं।
इन आसान/सरल/प्रभावी उपायों/टोटकों से होगा आपका जीवन सुखी और शांतिमय–
1. कन्या के सुखी विवाहिक जीवन के लिए विवाह के पश्चात् जब कन्या की विदाई होने वाली हो तो किसी पीले रंग के धातु के लोटे में गंगाजल लेकर,उसमें थोडी सी पिसी हल्दी मिलाएं फिर एक तांबे का सिक्का उस लोटे में डालकर कन्या के ऊपर से 7 बार उतार कर उसके आगे गिरा दें, कन्या का विवाहिक जीवन सुखमय रहेगा ।
2. यदि कन्या विवाह के चार दिन पूर्व साबुत हल्दी की ७ गांठे, पीतल के ३ सिक्के, थोडा सा केसर, गुड और चने की दाल इन सबको एक पीले वस्त्र में बाँधकर अपनी ससुराल की दिशा में उछाल दे तो उसको अपने पति और ससुराल के अन्य सभी सदस्यों का सदैव भरपूर प्यार मिलेगा।
3. यदि कोई कन्या विदाई के बाद अपने ससुराल में प्रवेश करने से पहले चुपचाप मेहंदी में मिले हुए साबुत उडद गिरा दे और फिर प्रवेश करे तो उसका दाम्पत्य जीवन सदा सुखमय रहेगा , उसकी अपने पति और ससुराल के अन्य सदस्यों से सदैव अच्छे सम्बन्ध बने रहेंगे ।
4. घर में रोज या सप्ताह में एक बार नमक मिले पानी का पोछा अवश्य लगवाये ।
5. यदि घर में पत्नी अपने हाथों में कम से कम २ सोने की या पीली चूड़ी पहने तो भी दाम्पत्य जीवन में प्रेम और घर में सुख बना रहता है ।
6. जहाँ तक संभव हो मंगलवार , ब्रहस्पतिवार और शनिवार को घर का कोई भी सदस्य न तो नाखून, बाल काटें , और ना ही शेव बनाये , इसके अतिरिक्त ब्रहस्पतिवार और शनिवार को घर में कपडे भी ना धोएं , नहाते हुए सर को गीला ना करें और बालों में तेल भी कतई ना लगायें ।
7. यदि व्यक्ति सुबह नाश्ते में पत्नी या माँ के द्वारा केसर मिश्रित दूध का सेवन करें और काम में जाते समय नियमपूर्वक उनके हाथ से जबान में केसर लगाये और थोड़ी सी चीनी खाए तो घर में सदैव सुख शांति और आर्थिक सम्रद्धि बनी रहती है ।
8. यदि घर में क्लेश रहता है घर के सदस्यों में मतभेद रहते है तो घर में आटा शनिवार को ही पिसवाएं या खरीदे और साथ ही १०० ग्राम पिसे काले चने भी लें जो उस आटे में मिला दें जल्दी ही स्थिति में सुधार होते हुए देखेंगे ।
9. जब भी घर में खाने पीने की कोई वास्तु (मिठाई , फल आदि ) आयें तो सबसे पहले भगवान को भोग लगायें फिर घर के बड़े बुजुर्गो और बच्चों को देकर ही पति पत्नी उस वस्तु का सेवन करें , यह बहुत ही चमत्कारी और परखा हुआ उपाय है बुजुर्गो के आशीषों और बच्चों के खुशियों से घर में सर्वत्र हर्ष , शुभता का वातावरण बनेगा और उस घर में कभी भी अन्न और धन की कमी नहीं रहेगी ।
10. यदि घर में पति पत्नी में मतभेद होते है तो 11 गोमती चक्रों को लाल रंग की सिंदूर की डिब्बी में रखकर घर में रखें तो उनके बीच के सभी प्रकार के क्लेश दूर हो जाएंगे।
11. दाम्पत्य जीवन में प्रेम और सहयोग बनाये रखने के लिए नियमित रूप से केले व पीपल वृक्ष की सेवा करें, गुरूवार को केले व पीपल दोनों के वृक्ष को जल अर्पित करें, घी का दीपक जलाएं और शनिवार को पीपल में सरसों के तेल का दीपक जलाएं एवं मीठा जल अर्पित करें।
12. दाम्पत्य जीवन में निरंतर प्रेम बनाये रखने के लिए पत्नी अपने पति द्वारा भोजन करने के बाद उसके बचे हुए भोजन में से निवाला अवश्य खाएं किंतु अपने बचे भोजन में से उसे न खाने दे, ऐसा करने से पति हमेशा अपनी पत्नी से प्रेम करता रहेगा और कभी भी किसी और स्त्री की और आकर्षित नहीं होगा , ऐसा कम से कम सप्ताह में एक बार तो अवश्य ही करे ।
13. यदि घर की स्त्री प्रतिदिन प्रात: उठते ही सर्वप्रथम मुख्य द्वार पर अपने इष्ट देव का नाम लेते हुए सुख और सौभाग्य के प्रार्थना करते हुए एक लोटा जल डाले तो उसका अपने पति से और उस घर के सभी सदस्यों का आपस में हमेशा प्रेम बना रहता है और उस घर का आर्थिक पक्ष भी हमेशा मजबूत रहेगा ।
14. यदि पति-पत्नी के बीच रोज ही झगडा होता है तो शयनकक्ष में रात में पति अपने तकिए के नीचे लाल सिंदूर और पत्नी अपने तकिए के नीचे कपूर की टिक्की रख दें। प्रातः काल पति आधा सिंदूर घर में कहीं गिरा दे और आधा पत्नी की मांग में भर दे और पत्नी कपूर को घर के बाहर जला दें , ऐसा किसी भी शुक्ल पक्ष में सोमवार से रविवार लगातार ७ दिनों तक और उसके बार जहाँ तक संभव हो रोज करें अगर रोज न भी हो सके तो सोमवार और मंगलवार दो दिन अवश्य ही करने की कोशिश करें , दोनों के बीच का क्लेश खत्म हो जायेगा ।
15. नवमी के दिन श्वेतार्क यानि सफ़ेद मदार का पौधा लाकर घर में लगायें | दिवाली के दिन उस पौधे की अवश्य ही पूजा करें | सफ़ेद मदार के पौधे को घर में लगाने और उसकी पूजा से आपको जरुर लाभ होगा | इससे पति पत्नी के बीच प्यार भी बढ़ेगा |
16. पत्नी तुलसी का पौधा लाकर घर में किसी ऊंचाई वाले स्थान पर लगायें | तुलसी जी को नित्य जल दें, सिन्दूर चढायें और संध्या के समय घी का दीपक जलाएं | इससे अखण्ड सौभाग्य प्राप्त होगा और दाम्पत्य प्रेम भी बढ़ेगा |
17. पति-पत्नी में प्रेम बनाये रखे के लिए पत्नी बुधवार को तीन घंटे का मौन रखें, शुक्रवार को अपने हाथ से साबूदाने की खीर में मिश्री डाल कर बनाये और अपने पति और घर के बाकि सदस्यों को खाने के लिए दे तथा उस दिन इत्र का दान करें ,व अपने कक्ष में भी इत्र रखें, इससे भी प्रेम में अवश्य ही वृद्धि होती है । मजबूत रहेगा ।
18. यदि कोई स्त्री लाल सिन्दूर, इत्र की शीशी ,चने की दाल तथा केसर का दान करें तो इस से उस स्त्री के सुहाग की आयु में वृद्धि होती है ।
19. झाड़ू की दो साफ सींको को उल्टा – सीधा रखकर नीले धागे से बांधकर घर के दक्षिण – पश्चिम में रखने से दाम्पत्य जीवन में प्रेम बड़ता है |
20. दो जमुनिया रत्न लेकर उन्हें गंगाजल में डूबा दें| हर शनिवार को इस गंगा जल का पूरे घर में छिड़काव करें| पति पत्नी के बीच आपसी प्रेम सम्बन्ध सदैव मधुर रहेंगे।
21. पति पत्नी के मध्य निरंतर प्रेम बनाये रखने के लिए यदि वह दोनों ध्यानपूर्वक किसी भी ब्रत , पूर्णिमा , अमावस्या ,एकादशी और यथासंभव दिन के समय में भी आपस में सम्बन्ध ना बनाये संयम से काम लें तो उनके बीच कभी भी मन मुटाव नहीं रहेगा, उस जोड़े पर हमेशा ईश्वर की शुभ द्रष्टि बनी रहेगी ।
22. यदि कोई स्त्री अपने सास ससुर और घर के सभी सदस्यों को सच्चे, निश्चल मन से पूर्ण आदर सम्मान दें तो उस का दाम्पत्य जीवन सदा हर्ष और उल्लास से भरा रहता है ,उस घर में कभी भी आर्थिक संकट नहीं आता है और सबसे बड़ी और प्रमुख बात है की उस स्त्री के माता पिता को भी अपने परिवार में किसी भी प्रकार की कोई भी दिक्कत नहीं आती है उनका पारिवारिक जीवन भी निश्चिय ही सुखमय बीतता है । यह बहुत ही अभूतपूर्व और परीक्षित उपाय है ।
23. यदि पति-पत्नी में से कोई भी दूसरे से नाराज़ है तो खुमी का पुष्प एक माशा शहद में मिलकर खिलाने से उनके बीच का मनमुटाव दूर हो जाता है उनका पुन: मेल हो जाता है।
24. यदि किसी स्त्री का पति बहुत ज्यादा क्रोध करता हो तो वह स्त्री शुक्ल पक्ष के प्रथम रविवार,सोमवार,गुरुवार या शुक्रवार किसी भी दिन नए सफ़ेद कपड़े में एक डली गुड़, चाँदी एवं ताम्बें के 2 सिक्के, एक मुट्ठी नमक और एक मुट्ठी गेंहू को बंधकर घर में कहीं भी चुपचाप रख दें । कुछ समय बाद पति का स्वभाव बदलने लगेगा ….वह बात बात पर क्रोध करना बंद कर देगा ।
25.यदि कोई स्त्री नियमित रूप से शनिवार को चमेली का दीपक जलाकर श्री सुन्दर काण्ड का पाठ करती है,या किसी योग्य ब्राह्मण से करवाती है तो उसका घर, पति तथा बच्चे हमेशा किसी भी प्रकार की विपदा से बचे रहते है। यदि साप्ताहिक न हो सके तो भी माह में कम से कम एक बार सुंदर काण्ड घर में अवश्य ही होना चाहिए ।
26. यदि घर में पति-पत्नी के मध्य ज्यादातर क्लेश होता है तो उनमें से कोई भी शुक्लपक्ष के किसी भी शुक्रवार को सुबह स्नान करके सफ़ेद वस्त्र धारण करके कम मीठे सफ़ेद चावल बनाये,फिर उन्हें किसी बड़े पात्र में निकालकर उसमें बूरा (महीन चीनी) और शुद्ध घी मिलकर सफ़ेद गाय को खिलाएं । इस प्रकार लगातार 21 शुक्रवार तक करने से दोनों के बीच क्लेश ख़त्म हो जायेगा।
27. रविवार की रात्रि में स्त्री थोडा सा सिंदूर पति के सोने वाले हिस्से में बिस्तर पर बिखरा दें और सोमवार की सुबह स्नान के बाद माँ पार्वती का नाम लेते हुए जितना भी सिंदूर मिल जाये उससे अपनी माँग भर लें ….उसके सुहाग की उम्र लम्बी होगी।
28. यदि कोई पति अपनी पत्नी से प्रेम नहीं करता है तो वह स्त्री लाल रंग की कपड़े की थैली में पीली सरसों के साथ दो अभिमंत्रित गोमती चक्र जिसमें एक में उस स्त्री और दूसरे में उसके पति का नाम लिखा हो इनको थैली में बंद करके अपने पास कहीं छुपा कर रख दें …..पति अपनी पत्नी से प्रेम करने लगेगा।
29. विवाह के बाद केवल पति-पत्नी ही नहीं पूरे परिवार का जीवन बदल जाता है। सामान्यत: लाख कोशिशों के बाद भी पति-पत्नी के बीच कभी-कभी थोड़ा बहुत तनाव उत्पन्न हो जाता है। यही छोटी-छोटी तकरार लड़ाई-झगड़ों में परिवर्तित हो जाए तो ये भी सामान्य सी बात ही है। ऐसे में वैवाहिक जीवन सुखी नहीं रह पाता है। इस प्रकार की परिस्थितियों से बचने के लिए श्रीराम और सीता के फोटो की पूजा करनी चाहिए।
आजकल परिवार में पिता पुत्र के बीच में भी बहुत विरोध हो जाते है इससे परिवार में शांति भंग होने के साथ साथ और भी बहुत सी समस्याएँ उत्पन्न हो जाती है कई बार तो परिवार में विघटन की स्थिति भी आ जाती है इससे बचने के लिए कुछ बहुत ही अचूक उपाय बताए जा रहे है ।
30. यदि पिता की और से नाराजगी है तो पुत्र रविवार को सवा किलो गुड़ बहते हुए पानी में प्रवाहित करे .उसे ऐसा लगातार तीन रविवार को करना है । पिता की नाराज़गी जल्दी दूर हो जाएगी ।
31. पुत्र को नियमित रूप से गुड़,लाल फूल मिलाकर जल सूर्य देव को अर्पित करना चाहिए। पिता का स्नेह पुन: पुत्र पर बन जायेगा ।
32. रविवार को पुत्र यदि अपने पिता को कोई भी लाल रंग का उपहार दे तो अति शीघ्र पिता का पुत्र से विरोध ख़त्म हो जायेगा ।
33.यदि पुत्र की पिता से न बन रही हो तो अमावस्या,या ग्रहण के दिन पुत्र पिता के जूतों से पुराने मोज़े निकाल कर उनमें बिलकुल नए मोज़े रख दे, ऐसा करने से दोनों के बीच चल रहा गतिरोध अवश्य ही दूर हो जाएगा।
34. यदि पुत्र रुष्ट है तो पिता प्रत्येक शनिवार को सुबह पीपल में मीठा जल एवं शाम को सरसों के तेल का दीपक जलायें या सरसों के तेल की धार अर्पित करें तो बहुत ही जल्दी पिता पुत्र के मध्य अवरोध ख़त्म हो जायेगा ।
35. शनिवार को पिता यदि अपने पुत्र को कोई भी नीले रंग का उपहार दे तो अति शीघ्र पुत्र का पिता से मतभेद समाप्त हो जाता है ।
36. बहन भाइयों के बीच में झगड़ा या मनमुटाव हो तो मंगलवार को सवा किलो गुड जमीन में दबाएँ ….सम्बन्ध अच्छे हो जायेंगे ।
37.यदि किसी महिला का ससुर उससे नाराज रहता हो तो वह महिला प्रतिदिन जल में गुड़ मिलाकर सूर्यदेव को अध्र्य दे तो उसकी यह समस्या दूर हो जाती है।
38. किसी महिला का उसकी सास के साथ झगड़ा होता रहता हो तो वह स्त्री पूर्णिमा की रात में खीर बनाकर चंद्रमा की किरणों में रखे और फिर वह खीर अपनी सास को खिला दे। सास-बहू में बनने लगेगी।
यह कुछ ऐसे छोटे छोटे और सहज उपाय है जिनको अपनाकर हर व्यक्ति अपने परिवार में प्रेम और सौहार्दय के वातावरण का निर्माण कर सकता है ।