नक्षत्रों से जानें खोयी या चोरी हुई वस्तु कब और कैसे मिलेगी?
स्यात् दूरेश्रवणं मध्ये श्रुत्याप्ती न सुलोचने।।अंधाक्ष नक्षत्रों में गुम हुई या चोरी हुई वस्तु पूर्व दिशा की ओर जाती है। उसकी पुन: प्राप्ति की शीघ्र संभावना रहती है।
अंधाक्ष नक्षत्र– रोहिणी, पुष्य., उ.फा., विशा, पूषा, धनि., रेवती इस नक्षत्र में खोई वस्तु शीघ्र मिलेगी।
सुलोचन नक्षत्रों में गुम हुई वस्तु उत्तर दिशा में जाती है परंतु उसका न तो कोई पता चलता है और न ही प्राप्ति होती है।
सुलोचन नक्षत्र– कृतिका, पुन., पू फा., स्वा., मूला., श्रवण, उ भा। इस नक्षत्र में खोई वस्तु नहीं मिलेगी।
मध्याक्ष नक्षत्र में खोई वस्तु पश्चिम दिशा की ओर अति दूर चली जाती है। पता चलने पर भी प्राप्त नहीं होती।
मध्याक्ष नक्षत्र- भर., आद्रा., मघा, चित्रा, ज्येष्ठा, अभि., प भा.।
इस नक्षत्र में खोई वस्तु पता लगने पर भी नहीं मिलेगी। मंदाक्ष नक्षत्र में गुम अथवा चोरी हुई वस्तु दक्षिण दिशा की ओर गई होती है। अत्यधिक खोज करने पर खोई वस्तु मिलती है। मंदाक्ष नक्षत्र, अश्विनी मृग., आश्ले., हस्त., अनु., उ षा., शत.। इस नक्षत्र में खोई हुई वस्तु खूब प्रयास करने पर मिल जाती है।