1 महीने में एक बार मीठी रोटियां बनाकर कुत्तों को डाले ,रोटियों की संख्या आपके परिवार के कुल सदस्यों की संख्या में जितने मेहमान उस महीने में आपके घर में आये है उनको जोड़कर उस से चार अधिक रोटियां बनाकर डालनी है।
2साल में एक बार अच्छी तरह पक्का हुआ कद्दू यानी पेठा किसी धर्मस्थान में दान किया करे।
3जब भी किसी शमशान के पास से गुजरे वहां एक दो रूपए का सिक्का वहां गिरा दिया करे ऐसा माना गया है की इस से भी देवीय सहायता प्राप्त होती है।
4मरीज के सिरहाने एक सिक्का रखकर सुबह उसे किसी हरिजन को दें ऐसा 43 दिन लगातार करे।
5मुख्य रूप से गाय को रोटी देने ,, कुतों को रोटी खिलाने और कोवों को रोटी डालने से आप अधिकतर बुरे प्रभावों से बच सकते है।
6अगर परिवार में कोई व्यक्ति बीमार है तथा लगातार औषधि सेवन के पश्चात् भी स्वास्थ्य लाभ नहीं हो रहा है, तो किसी भी रविवार से आरम्भ करके लगातार 3 दिन तक गेहूं के आटे का पेड़ा तथा एक लोटा पानी व्यक्ति के सिर के ऊपर से उसार कर जल को पौधे में डाल दें तथा पेड़ा गाय को
खिला दें। अवश्य ही इन 3 दिनों के अन्दर व्यक्ति स्वस्थ महसूस करने लगेगा। अगर उपाय की अवधि में रोगी ठीक हो जाता है, तो भी प्रयोग को पूरा करना है, बीच में रोकना नहीं चाहिए।
7 अगर बीमार व्यक्ति ज्यादा गम्भीर हो, तो जौ का 125 पाव (सवा पाव) आटा लें। उसमें साबुत काले तिल मिला कर रोटी बनाएं। अच्छी तरह सेंके, जिससे वे कच्ची न रहें। फिर उस पर थोड़ा सा तिल्ली का तेल और गुड़ डाल कर पेड़ा बनाएं और एक तरफ लगा दें। फिर उस रोटी को बीमार व्यक्ति के ऊपर से 7 बार वार कर किसी भैंसे को खिला दें। पीछे मुड़ कर न देखें और न कोई आवाज लगाए। भैंसा कहाँ मिलेगा, इसका पता पहले ही मालूम कर के रखें। शनि और मंगलवार को ही यह कार्य करें।
8पीपल के वृक्ष को प्रात: 12 बजे के पहले, जल में थोड़ा दूध मिला कर सींचें और शाम को तेल का दीपक और अगरबत्ती जलाएं। ऐसा किसी भी वार से शुरू करके 7 दिन तक करें। बीमार व्यक्ति को आराम मिलना प्रारम्भ हो जायेगा।
9घर से बीमारी जाने का नाम न ले रही हो, किसी का रोग शांत नहीं हो रहा हो तो एक गोमती चक्र ले कर उसे धागे में पिरो कर रोगी के पलंग के पाये पर बांधने से आश्चर्यजनक परिणाम मिलता है। उस दिन से रोग समाप्त होना शुरू हो जाता है।
10यदि आपका बच्चा बहुत जल्दी-जल्दी बीमार पड़ रहा हो और आप को लग रहा कि दवा काम नहीं कर रही है, डाक्टर बीमारी खोज नहीं पा रहे है। तो यह उपाय शुक्ल पक्ष की अष्टमी को करना चाहिये।
आठ गोतमी चक्र ले और अपने पूजा स्थान में मां दुर्गा के श्रीविग्रह के सामने लाल रेशमी वस्त्र पर स्थान दें। मां भगवती का ध्यान करते हुये कुंकुम से गोमती चक्र पर तिलक करें। धूपबत्ती और दीपक प्रावलित करें। धूपबत्ती की विभूति से भी गोमती चक्र को तिलक करें। ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे की 11 माला जाप करें। जाप के उपरांत लाल कपड़े में 3 गोमती चक्र बांधकर ताबीज का रूप देकर धूप, दीप दिखाकर बच्चे के गले में डाल दें। शेष पांच गोमती चक्र पीले वस्त्र में बांधकर बच्चे के ऊपर से 11 बार उसार कर के किसी विराने स्थान में गड्डा खोदकर दबा दें। आपका बच्चा हमेशा सुखी स्वस्थ रहेगा।
11 ब्लड प्रेशर/डिप्रेशन से बचने का उपाय
रविवार के दिन 325 ग्राम दूध अपने सिरहाने रख कर सोएं। सोमवार को सुबह उठकर दूध को पीपल के पेड़ पर चढ़ा दें, 5 रविवार यह क्रिया करें, निश्चित लाभ होगा.
नोट – ये समान्य उपाय है जो कोई भी कर सकता है बाकी आपकी कुंडली में ग्रह की स्थिति और उनकी युति बिमारी पर मुख्य प्रभाव डालती है और उन्ही के हिसाब से उपाय किये जाते है।