149 साल बाद बन रहा दुर्लभ संयोग, गुरु पूर्णिमा के दिन पड़ेगा चंद्र ग्रहण …. इस बार साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 16 जुलाई को लगने वाला है. ये चंद्र ग्रहण कई मायनों में खास है. इस बार यह चंद्र ग्रहण भारत में भी दिखाई देने वाला है.
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इसके अलावा यह ग्रहण आषाढ़ मास की पूर्णिमा यानी गुरु पूर्णिमा के दिन पड़ रहा है. ज्योतिषों की मानें तो ऐसा संयोग 149 साल बाद बन रहा है. चंद्र ग्रहण का समय … चंद्र ग्रहण 16 जुलाई की मध्यरात्रि में खंडग्रास रात 1 बज कर 32 मिनट से शुरू होकर सुबह 4 बज कर 31 मिनट तक रहेगा. बात अगर सूतक काल की करें तो यह 9 घंटे तक रहेगा.
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जो कि 16 जुलाई की शाम 4 बज कर 31 मिनट से शुरू होगा. 149 साल पहले गुरु पूर्णिमा पर लगा था चंद्र ग्रहण .. 12 जुलाई, 1870 को 149 साल पहले गुरु पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण हुआ था. उस समय भी शनि, केतु और चंद्र के साथ धनु राशि में स्थित था. सूर्य, राहु के साथ मिथुन राशि में स्थित था. यहां दिखेगा चंद्र ग्रहण .. चंद्र ग्रहण पूरे भारत के साथ ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, एशिया, यूरोप और दक्षिण अमेरिका में दिखाई देगा. चंद्रग्रहण के बाद जरूर करें ये काम .. –
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चंद्रग्रहण खत्म होने के बाद घर में शुद्धता बनाए रखने के लिए गंगाजल का छिड़काव जरूर करें. -ग्रहण के बाद स्नान करके भगवान की मूर्तियों को भी स्नान करवाकर ही उनकी पूजा करें. -ग्रहण काल के दौरान गर्भवती महिलाएं घर से बाहर नहीं निकलें. निकलना अगर जरूरी हो तो गर्भ में पल रहे शिशु की रक्षा के लिए चंदन और तुलसी के पत्तों का लेप अवश्य लगाकर निकलें. और भी बहुत कुछ होने वाला है इस ग्रहण में यदि आप अपने बारे में कुछ जानना चाहते हैं कुछ प्राप्त करना चाहते हैं इस ग्रहण में तो संपर्क करें …
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ज्योतिष आचार्य
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सूतक से पूर्व
ग्रहण के सूतक से पूर्व गंगाजल पियें ।
सूर्यग्रहण में ग्रहण से चार प्रहर (12 घंटे) पूर्व और चन्द्रग्रहण से तीन प्रहर (9 घंटे) पूर्व भोजन नहीं करना चाहिए । बूढ़े, बालक, रोगी और गर्भवती महिलाएँ डेढ़ प्रहर ( साढ़े चार घंटे) पूर्व तक खा सकते हैं ।
ग्रहण के कुप्रभाव से खाने-पीने की वस्तुएँ दूषित न हों इसलिए सभी खाद्य पदार्थों एवं पीने के जल में तुलसी का पत्ता अथवा कुश डाल दें ।
पके हुए अन्न का त्याग करके उसे गाय या कुत्ते को डालकर ग्रहण के बाद नया भोजन बना लेना चाहिए । सम्भव हो तो ग्रहण के पश्चात् घर में रखा सारा पानी बदल दें ।
ग्रहण के समय पहने हुए एवं स्पर्श किए गए वस्त्र आदि अशुद्ध माने जाते हैं । अतः ग्रहण पूरा होते ही पहने हुए कपड़ों सहित स्नान कर लेना चाहिए ।
ग्रहण से पूर्व की सावधानी
ग्रहण से 30 मिनट पूर्व गंगाजल छिड़क के शुद्धिकरण कर लें ।
ग्रहणकाल प्रारम्भ होने के पूर्व घर के ईशान कोण में गाय के घी का चार बातीवाला दीपक प्रज्वलित करें एवं घर के हर कमरे में कपूर का धूप कर दें ।
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ग्रहण के दौरान सावधानी
ग्रहण के दौरान हँसी-मजाक, नाच-गाना, ठिठोली आदि न करें क्योंकि ग्रहणकाल उस देवता के लिए संकट का काल है, उस समय वह ग्रह पीड़ा में होते हैं । अतः उस समय भगवन्नाम-जप, कीर्तन, ओमकार का जप आदि करने से संबंधित ग्रहों एवं जापक दोनों के लिए हितावह है ।
भगवान वेदव्यासजी ने परम हितकारी वचन कहे हैं “सामान्य दिन से चन्द्रग्रहण में किया गया पुण्यकर्म (ध्यान, जप, दान आदि) एक लाख गुना और सूर्यग्रहण में दस लाख गुना फलदायी होता है । यदि गंगाजल पास में हो तो चन्द्रग्रहण में एक करोड़ गुना और सूर्यग्रहण में दस करोड़ गुना फलदाई होता है ।
ग्रहण के समय गुरुमंत्र, इष्टमंत्र अथवा भगवन्नाम जप अवश्य करें, न करने से मंत्र को मलिनता प्राप्त होती है । ग्रहणकाल में कुछ भी क्रिया न करते हुए केवल शांत चित्त से अपने गुरुमंत्र का जप करें एवं जिन्होंने गुरुमंत्र नहीं लिया है वे अपने इष्टदेव का मंत्र या भगवन्नाम का जप करें ।
चन्द्रग्रहण और सूर्यग्रहण के समय संयम रखकर जप, ध्यान करने से कई गुना फल होता है । श्रेष्ठ साधक उस समय उपवासपूर्वक ब्राह्मी घृत का स्पर्श करके ‘ॐ नमो नारायणाय’ मंत्र का आठ हजार जप करें । ग्रहणशुद्धि के बाद उस घृत को पी लें । ऐसा करने से वह मेधा (धारणशक्ति), कवित्वशक्ति तथा वाकसिद्धि प्राप्त कर लेता है ।
ग्रहण के स्पर्श के समय स्नान, मध्य के समय होम, देव पूजन तथा श्राद्ध तथा अंत में वस्त्रोंसहित स्नान करना चाहिए । स्त्रियाँ सिर धोये बिना भी स्नान कर सकती हैं ।
ग्रहण वेध के प्रारम्भ में तिल या कुश मिश्रित जल का उपयोग भी अत्यावश्यक परिस्थिति में ही करना चाहिए और ग्रहण शुरू होने से अंत तक अन्न या जल नहीं लेना चाहिए । सूर्यग्रहण या चन्द्रग्रहण के समय भोजन करनेवाला मनुष्य जितने अन्न के दाने खाता है, उतने वर्षों तक ‘अरुन्तुद’ नरक में वास करता है । (देवी भागवत)
ग्रहण के समय निद्रा लेने से रोगी, लघुशंका करने से दरिद्र, मल त्यागने से कीड़ा, स्त्री प्रसंग करने से सूअर और उबटन लगाने से व्यक्ति कोढ़ी होता है । गर्भवती महिला को ग्रहण के समय विशेष सावधान रहना चाहिए । ग्रहण के समय गायों को घास, पक्षियों को अन्न, जरुरतमंदो को वस्त्र दान से अनेक गुना पुण्य प्राप्त होता है ।
ग्रहण के दिन पत्ते, तिनके, लकड़ी और फूल नहीं तोड़ने चाहिए । बाल तथा वस्त्र नहीं निचोड़ने चाहिए व दंतधावन नहीं करना चाहिए । ग्रहण के समय ताला खोलना, सोना, मल-मूत्र का त्याग, मैथुन और भोजन ये सब कार्य वर्जित हैं ।
ग्रहण के समय कोई भी शुभ या नया कार्य शुरू नहीं करना चाहिए ।
ग्रहण के अवसर पर दूसरे का अन्न खाने से बारह वर्षों का किया हुआ सब पुण्य नष्ट हो जाता है । (स्कंद पुराण)
भूकम्प एवं ग्रहण के अवसर पर पृथ्वी को खोदना नहीं चाहिए । (देवी भागवत)
ग्रहण को देखने से आँखों पर बुरा प्रभाव पड़ता है ।
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ग्रहण के पश्चात् क्या करें ?
ग्रहणकाल में स्पर्श किए हुए वस्त्र आदि की शुद्धि हेतु बाद में उसे धो देना चाहिए तथा स्वयं भी पहने हुए वस्त्रसहित स्नान करना चाहिए ।
आसन, गोमुखी व मंदिर में बिछा हुआ कपड़ा भी धो दें । और दूषित ओरा के शुद्धिकरण हेतु गोमूत्र या गंगाजल का छिड़काव पूरे घर में कर सकें तो अच्छा है ।
ग्रहण के स्नान में कोई मंत्र नहीं बोलना चाहिए । ग्रहण के स्नान में गरम की अपेक्षा ठंडा जल, ठंडा जल में भी दूसरे के हाथ से निकले हुए जल की अपेक्षा अपने हाथ से निकला हुआ, निकले हुए की अपेक्षा जमींन में भरा हुआ, भरे हुए की अपेक्षा बहता हुआ (साधारण) बहते हुए की अपेक्षा सरोवर का, सरोवर की अपेक्षा नदी का, अन्य नदियों की अपेक्षा गंगा का और गंगा की अपेक्षा समुद्र का जल पवित्र माना जाता है ।
ग्रहण के बाद स्नान करके खाद्य वस्तुओं में डाले गये कुश एवं तुलसी को निकाल देना चाहिए ।
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सभी 12 राशियों पर ग्रहण का असर
मेष राशि
इस राशि के लिए ग्रहण के योग शुभ रहने वाला है। इन लोगों को सफलता के साथ ही मान-सम्मान की प्राप्ति होगी। धन लाभ मिलने की संभावनाएं हैं।
वृषभ राशि
आपके लिए समय कष्टदायी रहेगा। सावधान रहकर काम करना होगा, क्योंकि धन हानि हो सकती है।
मिथुन राशि
इनके लिए दुखद समय रहेगा। काम समय पर पूरे नहीं होंगे। बाधाएं आएंगी। धैर्य रखें।
कर्क राशि
कर्क राशि के लिए उत्तम समय रहेगा। काम जल्दी पूरे होंगे और आशा के अनुरूप फल भी मिलेंगे। सुखद वातावरण रहेगा।
सिंह राशि
तनाव बढ़ सकता है। बाधाओं की वजह से किसी काम में मन नहीं लगेगा। मन शांत रखें। कुछ दिन बाद समय पक्ष का हो जाएगा।
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कन्या राशि
चिंताएं बढ़ सकती हैं। नौकरी में अधिकारियों का सहयोग नहीं मिलने से मन उदास रहेगा। बने बनाए काम बिगड़ सकते हैं।
तुला राशि
लाभदायक समय रहेगा। सोचे हुए काम समय पर पूरे कर पाएंगे। अविवाहितों को विवाह के प्रस्ताव मिल सकते हैं।
वृश्चिक राशि
आपके लिए सावधान रहने का समय है। थोड़ी लापरवाही भी बड़ी हानि करवा सकती है।
धनु राशि
सतर्कता रखनी होगी। कोई करीबी व्यक्ति धोखा दे सकता है। नौकरी में नुकसान होने के योग बन रहे हैं।
मकर राशि
आपको इस समय संघर्ष करना होगा। पुरानी योजनाएं विफल हो सकती हैं। किसी अनजान व्यक्ति पर भरोसा न करें।
कुंभ राशि
इस राशि के लिए समय शुभ रहने वाला है। तरक्की मिल सकती है। कार्य समय पर पूरे हो जाएंगे और वर्चस्व बढ़ेगा।
मीन राशि
आपको लंबी दूरी की यात्रा पर जाना पड़ सकता है। इस यात्रा से लाभ मिलेगा। भविष्य को लेकर प्रसन्न रहेंगे।
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